बुद्धि मंथन द्वारा मस्तिष्क का विकास
हमारा मस्तिष्क तंत्रिकाओं के जाल से बना हुआ है। ये तंत्रिकाएं सूचना के भंडारण और एक जगह से दूसरी जगह तक पहुँचाने का काम करती हैं। कार्यशील तंत्र प्रणाली मस्तिष्क को स्वस्थ बनाये रखती है पर शरीर के बाकी अंगों की तरह हमारे मस्तिष्क को भी व्यायाम की जरूरत होती है ,ताकि वो चुस्त दुरुस्त रहे। विभिन्न प्रकार के अभ्यासों द्वारा हम अपने मस्तिष्क को स्वस्थ बनाएँ रख सकते हैं। इसी तरह का एक सरल अभ्यास है :- Brain Storming या बुद्धि मंथन।
Brain Storming या बुद्धि मंथन वो प्रक्रिया है जिसमें कुछ लोग आपस में मिलकर किसी विषय पर चर्चा करते हैं और अपने विचार रखते हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने तर्क या विचार समूह के सामने रखता है और उनका विश्लेषण किया जाता है। हर बिंदु के सभी पहलुओं पर चर्चा की जाती है। इस प्रक्रिया में अक्सर जटिल समस्याओं का भी हल निकल जाता है। यह अभ्यास विज्ञापन जगत और रचनात्मक क्षेत्रों में काफी प्रयोग में लाया जाता है।
यह अभ्यास हमारे मस्तिष्क के लिए एक अच्छा व्यायाम है। जब हम सोचने के लिए मस्तिष्क पर दबाव डालते हैं तो हमारे मस्तिष्क तंत्र में प्रक्रिया तेज हो जाती है। हम जितनी गहराई से सोचेंगें हमारी मस्तिष्क की तंत्रिकाएं आपस में उतनी तेजी से जुड़ती हैं। यह आपस में Multiple Asociation या गुणात्मक गठजोड़ बनाती है और निरंतर सूचनाओं का नया जाल बुनती है। इससे हमारी तर्क करने की शक्ति बढ़ती है। अक्सर हमारे सोचने की कुछ सीमाएं होती हैं। हम अपने मस्तिष्क के केवल कुछ हिस्से का ही प्रयोग कर पाते हैं पर इस अभ्यास का फायदा यह है कि चूंकि सभी लोगों की सोच अलग अलग होती है।, इसलिए हमें विभिन्न प्रकार के विचार मिलेगें। ये विचार हमारे मस्तिष्क के सोये हुए हिस्सों को उत्तेजित करते हैं। इससे हमारे मस्तिष्क के वो हिस्से भी जाग जाते हैं जिनका प्रयोग हम कम करते हैं। मस्तिष्क तंत्र का चहुँमुखी अभ्यास हो जाता है।
आप सभी इस अभ्यास का फायदा उठा सकते हैं। कोई भी विषय चुन लीजिये। आप सुबह के अख़बार के सम्पादकीय पर भी बहस कर सकते हैं। दैनिक जीवन में कई और भी मुद्दे आते हैं जिन पर स्वस्थ बहस की जा सकती है। विद्यार्थी भी पढ़ाई संबंधी विषयों पर आपस में चर्चा कर सकते हैं। आपकी सोचने की शक्ति के विकास के साथ आपके मस्तिष्क का भी अभ्यास हो जाएगा।
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